Totke for baby boy
Totke for baby boy < Santan prapti ke achuk upay in hindi, ”यदि किसी व्यक्ति को संतान प्राप्ति में समस्या आ रही हो, तो ऐसे व्यक्ति इस लेख में लिखे गये सरल उपायों को अपना कर संतान की प्राप्ति अति ही सहजता के साथ कर सकते हैं। किंतु उपायों को अति सावधानी से व श्रद्धा के साथ करना अति आवश्यक होता है। उपाय निम्नवत हैं: Kali kitab ke totke
Totke For Baby Boy
1. संतान प्राप्ति के लिए पति-पत्नी दोनों को रामेश्वरम् की यात्रा करनी चाहिए तथा वहां सर्प-पूजन करवाना चाहिए। इस कार्य को करने से संतान-दोष समाप्त होता है।
2. स्त्री में कमी के कारण संतान होने में बाधा आ रही हो, तो लाल गाय व बछड़े की सेवा करनी चाहिए। लाल या भूरा कुत्ता पालना भी शुभ रहता है।
3. यदि विवाह के दस या बारह वर्ष बाद भी संतान न हो, तो मदार की जड़ को शुक्रवार को उखाड़ लें। उसे कमर में बांधने से स्त्री अवश्य ही गर्भवती हो जाएगी।
4. जब गर्भ धारण हो गया हो, तो चांदी की एक बांसुरी बनाकर राधा-कृष्ण के मंदिर में पति-पत्नी दोनों गुरुवार के दिन चढ़ायें तो गर्भपात का भय/खतरा नहीं होता।
5. यदि बार-बार गर्भपात होता है, तो शुक्रवार के दिन एक गोमती चक्र लाल वस्त्र में सिलकर गर्भवती महिला के कमर पर बांध दें। गर्भपात नहीं होगा।
Totka for baby boy conceiving
6. जिन स्त्रियों के सिर्फ कन्या ही होती है, उन्हें शुक्र मुक्ता पहना दी जाये, तो एक वर्ष के अंदर ही पुत्र-रत्न की प्राप्ति होगी।
7. यदि बच्चे न होते हों या होते ही मर जाते हों, तो मंगलवार के दिन मिट्टी की हांडी में शहद भरकर श्मशान में दबायें।
8. पीपल की जटा शुक्रवार को काट कर सुखा लें, सूखने के बाद चूर्ण बना लें। उसको प्रदर रोग वाली स्त्री प्रतिदिन एक चम्मच दही के साथ सेवन करें। सातवें दिन तक मासिक धर्म, श्वेत प्रदर तथा कमर दर्द ठीक हो जाएगा।
9. संतान प्राप्ति के लिए इनमें से किसी भी मंत्र का नियमित रूप से एक माला प्रतिदिन पाठ करें।
Gharelu nuskhe for baby boy
1. ओऽम् नमो भगवते जगत्प्रसूतये नमः।
2. ओऽम क्लीं गोपाल वेषघाटाय वासुदेवाय हूं फट् स्वाहा।
3. ओऽम नमः शक्तिरूपाय मम् गृहे पुत्रं कुरू कुरू स्वाहा।
4. ओऽम् हीं श्रीं क्लीं ग्लौं।
5. देवकी सुत गोविन्द वासुदेवाय जगत्पते। देहिं ये तनयं कृबज त्यामहं शरणंगत। इनमें से आप जिस मंत्र का भी चयन करें उस पर पूर्ण श्रद्धा व आस्था रखें। विश्वासपूर्वक किये गये कार्यों से सफलता शीघ्र मिलती है। मंत्र पाठ नियमित रूप से करें। कृष्ण के बाल रूप का चित्र लगाएं।
Lal kitab upay for baby boy in hindi
लड्डू गोपाल का चित्र या मूर्ति लगाना लाभदायक होता है। क्रम संख्या 4 व 5 पर दिए गये मंत्र शीघ्र फलदायक हैं। इन्हें संतान गोपाल मंत्र भी कहा जाता है। संतान रक्षा हेतु मंत्र-तंत्र-यंत्र एवं उपासना
1. यदि पंचम भाव में सूर्य स्थित हो तो: – कभी झूठ मत बोलो और दूसरों के प्रति दुर्भावना मत रखें। – संतान प्राप्ति के अचूक उपाय Totke For Baby Boy यदि आप किसी को केाई वचन दें तो उसे हर हाल में पूरा करें। – प्राचीन परंपराओं व रस्म रिवाजों की कभी अवहेलना न करें। – दामाद, नाती (नातियों) तथा साले के प्रति कभी विमुख न हों न ही उनके प्रति दुर्भावना रखें। – पक्षी, मुर्गा और शिशुओं के पालन-पोषण का हमेशा ध्यान रखें।
2. यदि पंचम भाव में चंद्र हो तो: – कभी लोभ की भावना मत रखें तथा संग्रह करने की मनोवृत्ति मत रखें। – धर्म का पालन करें, दूसरों की पीड़ा निवारणार्थ प्रयास करते रहें और अपने कुटुंब के प्रति ध्यान रखें। – चंद्र संबंधी कोई भी अनुष्ठान करने से पूर्व कुछ मीठा रखकर, पानी पीकर घर से बाहर जाएं। – सोमवार को श्वेत वस्त्र में चावल-मिश्री बांध कर बहते जल में प्रवाहित करें।
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3. यदि पंचम भाव में मंगल बैठा हो तो: – रात में लोटे में जल को सिरहाने रखकर सोएं। – परायी स्त्री से घनिष्ठ संबंध न रखें तथा अपना चरित्र संयमित रखें। – संतान प्राप्ति के अचूक उपाय Totke For Baby Boy अपने बड़े-बूढ़ों का सम्मान करें और यथासंभव उनकी सेवा करें तथा सुख सुविधा का ध्यान रखें। – अपने मृत बुजुर्गों इत्यादि का पूर्ण विधि-विधान से श्राद्ध करें। यदि आपका सुहृद संतान मर गया हो तो उसका भी श्राद्ध करें। – नीम का वृक्ष रोपंे तथा मंगलवार को थोड़ा सा दूध दान करें।
4. यदि पंचम भाव में बुध हो तो: – गले में तांबे का पैसा धारण करें। – यदि गो-पालन किया जाए तो संतान, स्त्री और भाग्य का पूर्ण सुख प्राप्त होगा।
5. यदि पंचम भाव में बृहस्पति विराजमान हो तो: – सिर पर चोटी रखें और जनेऊ धारण करें। – आपने यदि धर्म के नाम पर धन संग्रह किया या दान लिया तो संतान को निश्चित कष्ट होगा। धर्म का कार्य यदि आप निःस्वार्थ भाव से करेंगे तो संतान काफी सुखी-संपन्न रहेगी। – केतु के भी उपाय निरंतर करते रहें। – मांस, मदिरा तथा परस्त्री गमन से दूर रहें। – संत, महात्मा तथा संन्यासियों की सेवा करें तथा मंदिर की कम से कम महीने में एकबार सफाई अवश्य करें। free vashikaran tips
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6. यदि पंचम भाव में शुक्र स्थित हो तो: – गोमाता तथा श्रीमाता जी की पूर्ण निष्ठा के साथ सेवा करें। – किसी के लिए हृदय मंे दुर्भावना न रखें तथा शत्रुओं के प्रति भी शत्रुता की भावना न रखें। – चांदी के बर्तन में रात में शुद्ध दूध पिया करें।
7. यदि पंचम भाव में शनि स्थित हो तो: (क) पैतृक भवन की अंधेरी कोठरी में सूर्य संबंधी वस्तुएं जैसे गुड़-तांबा, मंगल संबंधी वस्तुएं जैसे सौफ, खांड,शहद तथा लाल मूंगे व हथियार, चंद्र संबंधी वस्तुएं जैसे चावल, चांदी तथा दूब स्थापित करें। – अपने भार के दशांश के तुल्य बादाम बहते हुए पानी में डालें और उनके आधे घर में लाकर रखें लेकिन खाएं नहीं।
– यदि संतान का जन्म हो तो मिठाई न बांट कर नमकीन बांटें। यदि मिठाई बांटना जरूरी हो, तो अंशमात्र नमक का भी समावेश कर दें। – काला कुत्ता पालें और उसे नित्य एक चुपड़ी रोटी दें। – बुध संबंधी उपाय करते रहें
8. यदि पंचम भाव में राहु उपस्थित हो तो: – अपनी पत्नी के साथ दुबारा फेरे लेने से राहु की अशुभता समाप्त हो जाती है। – एक छोटा सा चांदी का हाथी निर्मित करा कर घर के पूजा स्थल में रखें। – मांस, मदिरा व परस्त्री गमन से दूर रहें। – जातक की पत्नी अपने सिरहाने पांच मूलियां रखकर सोएं और अगले दिन प्रातः उन्हें मंदिर में दान कर दें। – घर के प्रवेश द्वार की दहलीज के नीचे चांदी की एक छोटी सी चादर/पत्तर दबाएं।
9. यदि केतु पंचम भाव में उपस्थित हो तो: – चंद्र व मंगल की वस्तुएं दूध-खांड इत्यादि का दान करें। – बृहस्पति संबंधी सारे उपाय करें। – घर में यदि कोई शनि संबंधी वस्तु (काली वस्तुएं) हो तो उसे ताले में ही रखें।