Pitra dosh se bachne ke upay < Pitra dosh nivaran mantra. “Jyotish Me Pitra Dosh Ka Bhut Hi Mehtav Mana Gaya Hai. Parachin Jyotish Garantho Me Pitra Dosh Sabse Bada Dosh Mana Gaya Hai. Is Se Pidit Aadmi Ka Jivan Bhut Hi Kastmay Ho Jata Hai. Aamtor Per Pitra Dosh Ke Liye Bhut Hi Karchile Upay Bataye Jate Hai Lekin Yadi Kisi Jatak Ki Kundali Me Pitra Dosh Ban Raha Hai Aur Veh Mehnge Upay Karne Me Asmarth Hai To Bhi Pareshaan Hone Ki Koi Baat Nhi Hai.
Pitra dosh se bachne ke upay < Pitra dosh nivaran mantra
Jis Jaatak Ki Kundali Me Yeh Dosh Hota Hai Use Dhan Abhaav Se Lekar Mansik Kalesh Tak Ka Samna Karna Padta Hai. Pitra Dosh Se Pidit Jaatak Ki Unnati Me Baadha Rehti Hai. Aapke Pitra Dosh Ka Parbhaav Kam Karne Ke Liye Kai Asan, Saste Aur Saral Upay Aaj Hum Aap Ko Batane Jaa Rahe Hai Jinse Aap Per Pitra Dosh Ka Parbhaav Kam Ho Sakta Hai.
कुंडली में पितृ दोष बन रहा हो तब जातक को घर की दक्षिण दिशा की दीवार पर अपने स्वर्गीय परिजनों का फोटो लगाकर उस पर हार चढ़ाकर रोजाना उनकी पूजा स्तुति करना चाहिए। उनसे आशीर्वाद प्राप्त करने से पितृदोष से मुक्ति मिलती है।
अपने स्वर्गीय परिजनों की निर्वाण तिथि पर जरूरतमंदों अथवा गुणी ब्राह्मणों को भोजन कराए। भोजन में मृतात्मा की कम से कम एक पसंद की वस्तु अवश्य बनाएं।
प्रतिदिन इष्ट देवता व कुल देवता की पूजा करने से भी पितृ दोष का शमन होता है।
सोमवार प्रात:काल में स्नान कर नंगे पैर शिव मंदिर में जाकर आक के 21 पुष्प, कच्ची लस्सी, बिल्वपत्र के साथ शिवजी की पूजा करें। 21 सोमवार करने से पितृदोष का प्रभाव कम होता है।
कुंडली में पितृदोष होने से किसी गरीब कन्या का विवाह या उसकी बीमारी में सहायता करने पर भी लाभ मिलता है।
ब्राह्मणों को प्रतीकात्मक गोदान, गर्मी में पानी पिलाने के लिए कुंए खुदवाएं या राहगीरों को शीतल जल पिलाने से भी पितृदोष से छुटकारा मिलता है।
पवित्र पीपल तथा बरगद के पेड़ लगाएं। विष्णु भगवान के मंत्र जाप, श्रीमद्भागवत गीता का पाठ करने से भी पित्तरों को शांति मिलती है और दोष में कमी आती है।
Pitra dosh se bachne ke upay < Pitra dosh nivaran mantra
पितरों की पूजा से देवता भी होते हैं प्रसन्न
पितरों के नाम पर गरीब विद्यार्थियों की मदद करने तथा दिवंगत परिजनों के नाम से अस्पताल, मंदिर, विद्यालय, धर्मशाला आदि का निर्माण करवाने से भी अत्यंत लाभ मिलता है।
इसी दिन अगर हो सके तो अपनी सामर्थ्यानुसार गरीबों को वस्त्र और अन्न आदि दान करने से भी यह दोष मिटता है।
पीपल के वृक्ष पर दोपहर में जल, पुष्प, अक्षत, दूध, गंगाजल, काले तिल चढ़ाएं और स्वर्गीय परिजनों का स्मरण कर उनसे आशीर्वाद मांगें।
शाम के समय में दीप जलाएं और नाग स्तोत्र, महामृत्युंजय मंत्र या रुद्र सूक्त या पितृ स्तोत्र व नवग्रह स्तोत्र का पाठ करें। इससे भी पितृ दोष की शांति होती है।